लोहागढ़ का किला
राजाओ के देश राजस्थान में सेकड़ो किले है हर किले की अपनी विशेषता है ऐसा ही किला है भरतपुर में जिसे लोहागढ़ किले के नाम से जाना जाता है 8 फिरंगी 9 गोरा लड़े जाट के दो छोरा यह कहावत की जाती है भरतपुर के ऐतिहासिक किले भरतपुर के लोहागढ़ के बारे में जिसे मुगल मराठा ओर अंग्रेज कभी फतह नहीं कर पाए यह ऐसा किला है जिकी स्थापना महाराजा सूरजमल ने की थी 1700 सो वी सदी का ये इस किले है जो हमेसा अजय रहा है जिसको कोई भी फतह नही कर सका हालांकि की प्रकार की सेनाओं ने मराठे हो चाहे मुगल हो चाहे अंग्रेजी सेना हो उन्होंने कई बार यहां अक्रमण किए लेकिन वो आक्रमण हमेसा विफल होते रहे यह भी कहा जाता है कि यहां स्वंय श्री कृष्ण इस किले की रक्षा करते थे इस किले के दो गेट है एक गोवर्धन गेट है इसकी मोटी मोटी दीवारे बनी हुई है जो पथर से बनी हुई है इसके चारों तरफ सुजान गंगा नहर है कहा जाता है कि सियासत के राजा किसर थे जो महिलाओं ओर दीनदुखियों की रक्षा करते थे झा धर्म का वास था टॉप के गोले इस किले की एक ईंट को भी नुकसान नहीं पहुंचा सके भरतपुर के राजा जवाहर सिंग ने दिल्ली को फतह किया तब वो दिल्ली में लगे चितोड़ के द्वार को लेकर भरतपुर आ गए ओर से चितोड़ के राजाओ को इस द्वार को पहुंचाने का अंदेशा भिजवाया लेकिन जब वह से कोई जवाब नहीं आया तो उन द्वारो को लोहागढ़ किले के गेट में लगवा दिया कहा जाता है कि लोहागढ़ किले को जीतने के लिए अंग्रेजी सरकार ने अच्छी रणनीति बनाई ओर किले के अतलबन्द गेट पर हमला किया अंग्रेजी सेना के तोप के गोले भी इस गेट को नुकसान तक नहीं पहुंचा सके कहते हैं भरतपुर के राजाओ के देवता श्री कृष्ण थे मान्यता है कि हमेशा की तरह ही आज भी भगवान श्रीकृष्ण आज भी रक्षा करते हैं इस लिए आज भी कोई शुभ कार्य करने से पहले श्री कृष्ण की जय के जयकारे लगाए जाते हैं
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