रणसी की भूत बावड़ी

राजस्थान के जोधपुर से करीब 105 किलोमीटर दूर एक ऐतिहासिक गांव की जिसे रणसी गांव कहा जाता है यहा पर ही मौजूद है भूत बावड़ी ए बावड़ी पस्थर कला का एक बेजोड़ नमूना है इस बावड़ी में नीचे जाने के लिए चारो ओर सीढ़िया बनी हुई हैं इस पर नक्कासी किए हुए कई खम्बे बने हुए हैं जो इस कि सुंदरता को निखारते है बावड़ी के निर्माण में लोकतकनिक पत्थरो का जोड़ा गया है जो आज भी झूलते हुए दिखाई देते हैं दोस्तों इस बावड़ी के निर्माण के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी है कहते है एक बार रणसी गांव के ठाकुर रात में गोड़े पे सवार होकर कहि जा रहे थे लेकिन तबी उन्होंने देखा कि एक भूत ने उन्हें उन्हें कुश्ती करने के लिए ललकारा है ठाकुर साब ने भूत की बात मान ली ओऱ भूत के साथ कुश्ती लड़ी ओऱ भूत को हर दिया तब भूत तब भूत ने कहा क्या वह उनका गुलाम है जो ठाकुर साब कहेंगे वह वही करेगा ठाकुर साब ने रणसी गांव में एक बावड़ी ओऱ अपने लिए महल बनाने का आदेश दिया भूत ने इस काम के लिए हा तो कर दी लेकिन उसने शर्त रखी कि ए बात ए बात किसी को पता ना चले साथ ही साथ उस ने ए भी कहा कि वो का परोक्ष रूप से ही करेगा वो जो भी निर्माण करवाएंगे रात में भूत उसे 100 गुना बड़ा देगा यदि यह राज खुलेगा तो काम भी रुक जाएगा ओऱ भूत भी उसे कभी पूरा नही कर पाएगा यह बात विक्रम सवंत1600 की है जब रणसी गांव में अनोखा काम सुरु हुआ था निर्माण करने वाले मजदूर भी हैरान थे कि वे जो भी कम करते अगले दिन ज्यादा बढ़ जाता था गांव के लोग भी इस चमत्कार को देखने आने लगे थे बावड़ी ओऱ महल का निर्माण प्रगति पर था लेकिन एक दिन ठाकुर साब की पत्नी ने पूछ  ही लिया चन्द्वत ठाकुर साब ने बताने से मना कर दिया इससे नाराज ठकुराइन ने पति से बोलचाल बन्द कर दी ओऱ खाना पीना भी त्याग दिया ठाकुर ने निर्माण बन्द होने के डर से ठकुराइन को कुछ नही बताया दिन प्रतिदिन ठकुराइन की तबियत बिगड़ ओऱ मृत्यू तक पहुंच गई इसेदेख कर ठाकुर को अपनी जिद छोड़नी पड़ी ओऱ ठकुराइन को सबकुछ बताना पडी जैसे ही यह राज।खुला महल ओऱ बावड़ी का।निर्माण कार्य बंद हो गया बावड़ी करीब करीब पूरी हो चुकी लेकिन इसकी एक दीवार अधूरी रे चुकी थी 

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