बाड़मेर का किला

दोस्तो आज हम बात कर रहे है बाड़मेर के भग किले के बारे में बादमेर का किला राजस्थान राज्य के बाड़मेर में स्थित है बाड़मेर के प्रसिद्ध किले की गिनती राजस्थान के प्रसिद किले में कई जाती है बाड़मेर किले का निर्माण कार्य रावत भीम द्वारा 1552 ई में सुरू करवाया गया था इस किले का निर्माण उन्होंने तब करवाया था जब उन्होंने पुराने बाड़मेर को वर्तमान शर में स्थानातरित कर दिया था यह किला बाड़मेर के गढ़ के रुप में भी जाना जाता है इस पहाड़ी पर रावय भीम ने किले को बनवाया था उस पहाड़ी की चोटी की ऊचाई 1383 फुट है रावत भीम ने किले का निर्माण 663 की ऊचाई पट सुरक्षा की दृष्टि से करवाया था बाड़मेर का किला शहर में आने वाले पर्यटकों का मुख्य केंद्र है जो प्रत्येक वर्ष की हजार पर्यटकों को आकर्षित करता है इस किले की सबसे खास बात यह भी है कि यह चारो तरफ से मन्दिरो से घिरा हुआ है इतिहास के अनुसार बाड़मेर किले का इतिहास लगभग 400 साल से भी पुराना माना जाता है बाड़मेर किले का निर्माण रावत भीम ने 1552 ई में उस समय करवाया था जब उन्होंने अपनी वर्तमान राजधानी को बाड़मेर में स्थानांतरित किया था इस किले का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में है ओऱ सुरक्षा द्वार पूर्वी ओऱ पच्चीम दिशा में बना हुआ है इस किले के आस पास कई मंदिर पाएंगे इन सभी मंदिरों में से दो सबसे प्रसिद मंदिर है पहाड़ी के पहाड़ी के ऊपर झूम मयाजरी का मंदिर है जो कि1383 फिट की ऊचाई पर स्थित है ओर 500 फिट की ऊचाई पर नगनिच्ची माता मन्दिर है जो कि दोनों मंदिर बहुत प्रसिद ने नवरात्रों के दौरान यहां त्यौहार आयोजित किये जाते है सेष छेत्र बाड़मेर के पूर्वी साही परिवार का निवास है बाड़मेर का किला पर्यटकों के घूमने के लिए सुबह9 बजे से शाम को 6 बजे तक खुला रहता है किले की पूण जानकारी के लिए1से2 घण्टे लगते हैं बाड़मेर के किले में एंट्री फीस भारतीयो के लिए 20 रुपये प्रति व्यक्ति ओर विदेसी पर्यटकों के लिए प्रतिव्यक्ति100 फीस लगती है 

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