बाला किला

बाला किला अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है इस किले को अलवर किले के नाम से भी जाना जाता है इस किले का निर्माण 1550 ई में हसन खान मेवाती ने करवाया था यह किला अलवर जिले के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है इस किले की सबसे खास बात यह है कि इस किले पर मराठो यादवो ओर कछवाह राजपूतो का शासन भी रहा है बल किले का शाब्दिक अर्थ यंग फोर्ट है इस किले का उपयोग मुगलो ने रणथंभौर में हमला करने के आधार पर किया था 1775 ई में कछवाह राजपूत प्रताप सिंह जी ने किले पर कब्जा कर लिया यह किला अलवर शहर से बहुत बड़ा ओर साफ दिखाई देता है क्योंकि यह 300 मीटर चट्टान पट बसा है यह किला इतना विशाल है कि उत्तर से दक्षिण तक 5 किलोमीटर ओर पुत्व से पच्चीम तक डेढ़ किलोमीटर के छेत्र में फेला हुआ है किले में 6 द्वार है जिनके नाम जय पोल सूरज पोल लक्मणपोल चाँद पोल क्रष्ण पोल ओर अंदेरी गेट है यह सबी गेट राजपूतो की विराता ओर विशिष्टता की बात करते हैं अब जानते हैं बाला किले की वास्तुकला के बारे में बाला किला हिन्दू इस्लामिक शेली का एक वास्तुशिल्प टुकड़ा है इस किले की दीवारों को खूबसूरती ओर बारीकी से सजाया गया है जो आप को सुनहरे युग मे ले जाती है  इस किले की दीवारों पर सुंदर नकासी के अलावा कई ऐसी चिजे भी है जो पर्यटको को आकर्षित करती हैं इस किले के प्रमुख आकर्षण में जय महल निकुम महल सलीम सागर तालाब सूरज कुंड के नाम शामिल हैं किले में 15 मंदिर भी स्थिति हैं प्रमुख मंदिर सीता राम जी मंदिर हनुमान मंदिर ओर चक्रधारी हनुमानजी मंदिर है यह सभी मंदिर वर्तमान युग मे बीते युग की भव्यता को दर्षाते है किले में बंदूक चलाने के।लिए छेद है जो 8 गड्डो 15 बड़े तथा 51 छोटे टावर से गिरे है जिस जगह पर सलीम यानी जहागीर अपने निर्वासन के समय 3 साल तक रहा था इस जगह को सलीम महल के नाम से जाना जाता है इन सभी आक्ररसणो के अलावा कले में एक रेडियो स्टेशन भी है जिसे पर्यटक केवल अलवर के पुलिस अधीक्षक की अनुमति से देख सकते हैं बाला किला वास्तुकला ओऱ इतिहास प्रेमियों के लिए सर्वोत्तम है ओर अगर आप भी वास्तुशिल्प प्रेमी है तो आप को बल किले की यात्रा जरूर करनी चाहिए बाला किले को कुवारा किला भी कहा जाता है क्योंकि इस किले पर कभी युद्ध नही हुआ इस लिए इस कप कुवारा किला कहते है बाला किला अलवर शहर से 6 किलोमीटर पहाड़ी पर स्थित है बाला किले से शहर का भव्य रूप नजत आता है इस किले की ऊचाई समुद्र तल से 1960 फिट है यह 8 किलोमीटर के छेत्र में फेला हुआ है दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए इसे खास योर से तैयार किया गया था यह किला कायमखानी शेली में बना हुआ है दुश्मन पर बंदूके चलाने के लिए किले में 500 छिद्र स्थित है जिनमे से 10फिट की बन्दूक सभी गोली चलाई जा सकती है इस किले में एक दिन बाबर ने भी बिताया था अंतरराष्ट्रीय बस अड्डे से किले तक जाना एक  सुखद अनुभव कराता है यह किला सुबह9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है करनी माता के मंदिर का रास्ता यही से होकर जाता है 

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