रानीजी की बावड़ी
उत्तर: बावडी अर्थात वापी, जिसे अंग्रेजी में स्टेप वेल (सीढियों वाला कंआ) कहा जाता है। छोटी काशी बूंदी में ऐसा सैकड़ों बावड़ियां है। इसलिए श्बूंदी शहर को सिटी ऑफ स्टेप वेल्सश् कहा जाता है। बूंदी की रानीजी की बावड़ी की गणना तो एशिया की सर्वश्रेष्ठ बावड़ियों में होती है। इस अनुपम बावडी का निर्माण 1699 ई. में राव राजा अनिरूद्ध का रानी नाथावती ने करवाया था । इस कलात्मक बावडी के तीन तोरण द्वार हैं। बावड़ी की बनावट, शिल्प, सीढ़ियों का लम्बा श्रृंखला, मूर्तिशिल्प एवं वातावरण सभी मिलकर एक मोहक संसार का निर्माण करते हैं। बावड़ी की भव्यता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यह बावडी करीब 300 फीट लम्बी एवं 40 फीट चैड़ी है। बावड़ी की गहराई 200 फीट है। मुख्य प्रवेश द्वार से जल स्तर तक ढलान में लगभग 150 सीढ़ियां पार करनी पड़ती हैं। 27वीं सीढ़ी के दाएं एवं बाएं शिव एवं पार्वती की मूर्तियां हैं । करीब 12 फीट चैड़ा 47वीं सीढ़ी पर बना भव्य एवं कलात्मक तोरण द्वार बावड़ का प्रमुख आकर्षण है। अलंकृत तोरण द्वारों की मेहराबें लगभग 30 मीटर ऊँची है। सीकर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर दसवीं सदी का जी