नीमराना की बावड़ी
हमारे देश मे अनेको बावड़ीया बनी हुई है पर आज हम जिस बावड़ी की बात कर रहे है उस बावड़ी कि बात ही अलग है इस बावफी का।नाम है नीमराना की बावड़ी यह बावड़ी भेहद सुंदर ओर बहुमंजिला है नीमराना की बावड़ी राजस्थान के जयपुर शहर से दूर लगभग150 किलोमीटर दूर से अलवर जिले के नीमराना कस्बे में।स्थित है जो कि यहा के प्रमुख पयर्टन केंद्रों में एक है इस बावड़ी का निर्माण नीमराना के।राजा ने 1740 ई में अपने राज्य की प्रजा के लिए करवाया था यह बावड़ी दूर से देखने पर एकदम समतल नजर आती है पर आप नजदीक जाकर।देखेंगे तो आप को पता चलेगा की यह बावड़ी 9 मंजिल गहरी है इस बावड़ी में आप राजपूत सेली की स्थापत्य कला देखने को मिलती है यह बावड़ी 9 मंजिल इमारत है ओऱ हर मंजिल की ऊचाई करीब20 फुट है इस बावड़ी में।प्रवेश करने के बाद आप जैसे जैसे नीचे उतरते जाएंगे वेसे वेसे बावड़ी का आकार छोटा होता जाता है जब इस बावड़ी का निर्माण किया गया था तब इसका उपयोग पानी पीने ओर सिचाई करने के लिए किया जाता था यह बावड़ी राजपूत वास्तुकला का एक नमूना है हर मंजिल पर बेहतरीन नक्कासी के साथ बेसकीमती पथर जड़े हुए थे पर वक्त की मार के साथ अब ए बावड़ी अब खण्डर के तब्दील हो रही हैं हर मंजिल पर छोटे छोटे कमरे ओऱ झरोखे बने हुए है जहाँ गर्मियों में शाही परिवार के लोग आराम करते होंगे इस बावड़ी को इस तरीके से बनाया गया है कि आप कहि से आ और जा सकते है इस बावड़ी के तल पर उतरने के लिए लगभग150 सीढ़िया उतरनी पड़ती है हालांकि इस बावड़ी को लेकर कई ऐसे रहस्य है जो आज भी रहस्य ही बने हुए है गाँव के लोगो द्वारा बताया जाता है कि एक बार यहा एक बरात आई हुई थी सभी बराती इस बावड़ी में गुमते घूमते इस के तल पर चले गए थे ओऱ जो फिर कभी नही लोटे ओऱ उन लोगो का आज भी पता नही चला
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